बिजली बिल से आज़ादी का मौका!: भारत में बढ़ती आबादी और मिडिल क्लास परिवार के लिए बिजली की ज्यादा ए जान से एक मेडल फैमिली परिवार नहीं कर पाता है। इसीलिए भारत सरकार ने सोलर पैनल के कारीगर समाधान के लिए योजना बनाई है। जानिए कितनी क्षमता का पैनल चाहिए, कितना खर्च आएगा, और कितनी सब्सिडी मिलेगी, सब कुछ।
खास तौर पर एक मिडिल क्लास फैमिली तब परेशान हो जाती है जब उनके घर में गर्मियों के टाइम में पंखा, एसी, कूलर वगैरा वगैरा सब कुछ एक साथ चलने की वजह से लंबा-चौड़ा बिजली का बिल आ जाता है, जिसमें एक आम कलश परिवार की जरूरत सोच से भी ज्यादा महंगी हो जाती है। इसीलिए भारत सरकार ने मिडिल क्लास फैमिली के लिए कुछ नया सोचा है, जिसमें आप अपने घरों में कुछ ही स्थान में सोलर पैनल लगाकर अपनी बिजली मुक्त कर सकते हैं। हम इस आर्टिकल में इस खबर में आपके सारे डिटेल्स बताएंगे, जिसमें आपको बताएंगे कि अपनी जरूरत के हिसाब से कितनी क्षमता के सोलर पैनल लगाने चाहिए और कितना खर्चा आ जाएगा और कितनी आपको सरकार की तरफ से सब्सिडी मिलेगी, तो इस खबर में बने रहिए। हम आपको मोटा-मोटा अंदाज से बहुत आसान भाषा में समझाने की कोशिश करेंगे। चलिए डिटेल्स में समझते हैं।
एक परिवार की जरूरत
सोलर पैनल की क्षमता और उसके खर्च और सब्सिडी देखने से पहले यह जानना बेहद जरूरी है कि एक मिडिल क्लास फैमिली की जरूरत कितनी होती है, और उसकी हम पूरी गणित को समझ जाएंगे।
स्टेप 1 में हम 4 सदस्य वाले परिवार से लेकर कल्पना करते हैं।
4 सदस्यों वाले घर की कल्पना करते हैं जिसमें रोजाना बिजली से चलने वाले सामान्य उपकरण मौजूद रहते हैं, जिनमें एक फ्रिज, एक टीवी, 5 से 6 पंखे, 8 एलईडी वॉल पॉइंट और 510 का एक जो गर्मियों में लगभग 5 से 6 घंटे चलता है, जिसका तापमान दिन की बिजली की खपत 15 से 20 यूनिट प्रतिदिन चला जाता है। इसी को देखा जाए तो महीने में 300 से 400 यूनिट तक पहुंच ही जाता है, जिसमें एक आम परिवार के लिए इतनी ज्यादा यूनिट की कीमत देनी पड़ जाती है। जो एक सामान्य घर की कल्पना के लिए हम इन चीजों के आधार पर सोलर पैनल से जुड़े डिटेल्स को भी बता देते हैं।
कितनी क्षमता के सोलर पैनल चाहिए?
जैसा कि मैंने अभी बताया, एक 4 सदस्य वाले परिवार के लिए इतनी यूनिट की क्षमता लग जाती है। आमतौर पर अगर आप 1 किलोवाट वाट का सोलर पैनल लगाते हैं तो दिन में चार यूनिट बिजली बनाता है। ऐसे अगर रोज देखा जाए तो 12 यूनिट बिजली आपको चाहिए। आमतौर पर इसलिए आपके घरों में मुझे लगता है 3 किलोवाट वाट का सोलर पैनल सिस्टम लगा देना चाहिए, जिसमें आपके घरों में हर एक उपकरण आसानी से परिवर्तन करता रहेगा। अगर आप इसे बैकअप की सुविधा मौजूद है, जिसमें आप सोलर सिस्टम म न मिलने पर भी आप इनवर्टर और बैटरी का अपग्रेड सिस्टम ले लेना चाहिए। वहीं अगर गेट से जुड़ने वाला सिस्टम चाहते हैं तो आप 3 किलो का 1 ग्रेड सिस्टम चुन सकते हैं आसानी से।
3KW सोलर का खर्च कितना आएगा?
सन 2025 के हिसाब से अगर देखा जाए तो आप बिना सब्सिडी सोलर सिस्टम लगाते हैं तो आपको 3 किलोवाट के सोलर पैनल की कीमत लगभग ₹200000 के आसपास लग जाएगी, जिसमें सोलर पैनल में वायरिंग स्ट्रक्चर, इंस्टालेशन और नेट मीटरिंग शामिल होते हैं। हालांकि, कुछ राज्यों में इसकी कीमत ऊपर-नीचे हो सकती है कंपनी के सिस्टम के हिसाब से, लेकिन याद रहे आप अच्छे ब्रांड के सिस्टम ही चुनें ताकि आप एक बार लगाने पर लंबे समय तक परफॉर्मेंस दे सकें, जिसमें 20 से 25 साल तक आपकी बिजली देते रहें।
3kW सोलर सिस्टम की सब्सिडी
अगर देखा जाए तो इसकी सब्सिडी अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग होती है। अगर हम इसके उदाहरण के रूप में देखें, प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना की शुरुआत 2024 में की गई थी। इसकी सब्सिडी 1 किलोवाट वाट की मिलती है, ₹18000 की सब्सिडी जिसमें अगर 3 किलोवाट के सोलर पैनल लगते हैं तो आपको 54000 की सब्सिडी मिल जाती है, जिसमें आपकी अमाउंट राशि बैंक अकाउंट में ट्रांसफर सफर की जाती है। इसके लिए पहले पोर्टल में रजिस्ट्रेशन करना पड़ता है। अप्रूवल लेने के बाद ही मिलती है। कुछ राज्यों में इसकी अतिरिक्त क्त सब्सिडी मिल जाती है सोलर सिस्टम लगाने से।
सब्सिडी सोलर पैनल के
सोलर सिस्टम लगाने से पहले आपको अपनी भारत सरकार की ऑफिशियल वेबसाइट (https://pmsuryaghar.gov.in) पर में जाकर सबसे पहले रजिस्ट्रेशन करना पड़ता है, जिसमें मोबाइल नंबर और आधार कार्ड र्ड की जानकारी देनी होती इसमें कैपेसिटी चुननी होती है। लोकेशन के आधार पर उसके बाद डिस्काउंट अन्य बिजली कंपनी अप्रूवल देता है। अप्रूवल मिलते ही रजिस्ट्रेशन विक्रेता से आप सोलर सिस्टम की इंस्टॉलेशन करवा सकते हैं। इंस्टॉलेशन के बाद पोर्टल पर आपकी फोटो के साथ अपलोड करना पड़ता है। वेरिफिकेशन के बाद कर के खाते में सब्सिडी की अमाउंट ट्रांसफर की जाती है।
अस्वीकरण: इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य जानकारी के उद्देश्य से है। सोलर पैनल, सब्सिडी और खर्च से जुड़ी सभी जानकारियां समय के साथ बदल सकती हैं। हम किसी भी प्रकार की वित्तीय या सरकारी योजना की गारंटी नहीं देते। किसी भी निर्णय से पहले संबंधित सरकारी स्रोत या विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लें।